अक्सर चंचल और शोख बच्चों को बदमाश
कह दिया जाता है। बहुत सारे कारणों से बच्चे बदमाश नहीं हो सकते। बदमाश
फारसी भाषा का शब्द है जो दो अलग-अलग शब्दों से मिलकर बना है 'बद' और 'मआश'
(या माश)। बद का अर्थ है खराब या बुरा। यह शब्द बहुत से शब्दों के पहले
लगता है जैसे जिसकी नीयत खराब हो वह बदनीयत, जिसका चाल-चलन खराब हो वह
बदकार और जिसकी किस्मत खराब हो वह बदकिस्मत आदि। माश या मआश का अर्थ है
आजीविका या रोजी-रोटी का साधन। अक्सर मिलने पर काम-धन्धे के बारे में पूछ
लिया जाता है कि 'आपका जरिया-ए-मआश क्या है?' लिहाजा बदमाश का अर्थ वह आदमी
है जो ग़लत या अनैतिक तरीकों से आजीविका चलाता हो। इस लिहाज से छोटे और
मासूम बच्चे कभी बदमाश हो ही नहीं सकते। बदमाश उन्हें भी नहीं कहा सकता जो
लड़कियां छेड़ते हैं, या स्कूल-कॉलेज में हुड़दंग करते हैं।
इसके साथ ही 'बदमाशी' करने वाले बच्चों को शैतान भी कहते हैं। देखा जाता है कि अक्सर मां-बाप अपने साल-छह महीने के बच्चों की शरारतों से तंग आकर शिकायत करते हैं- 'आजकल यह बहुत शैतान हो गया है...' इस्लाम के अनुसार शैतान एक फरिश्ता ही था जिसने अल्लाह की आज्ञा का उल्लंघन किया, इस वजह से उसका बहिष्कार किया गया, तब से वह लोगों को पाप करने की ओर प्रवृत्त करता है। यानी सभी बुरे काम और पाप करवाना शैतान का काम है, जिसके लिए शब्द है कार-ए-शैतानी जो बाद में बिगड़कर कारस्तानी बन गया। सार यह कि भगवान के समकक्ष ताकत रखने वाली कोई दूसरी शक्ति जो इंसान से भगवान की इच्छा के विरुद्ध पाप करवाती है। इसके बाद भी क्या बच्चे शैतान हैं? क्या उनकी मासूम सी जिद्द और नादानियां शैतानी हैं?
अब इसी रौशनी में कारस्तानी को भी ही देख लें। उर्दू का शब्दकोश तो इसे शामिल ही नहीं करता पर हिन्दी में इसका अर्थ है, साजिश या चालबाजी। जोकि सही नहीं है क्योंकि कार-ए-शैतानी को एकसाथ करने से कारस्तानी बन ही नहीं सकता और अर्थ के लिहाज से भी यह मूल अर्थ से कोसों दूर है।
बदमाश का एक और रिस्तेदार शब्द है- लुच्चा। यथा लुच्चा-बदमाश। अर्थ के लिहाज से इन दोनों शब्दों का कोई मेल नहीं है, क्योंकि लुच्चे का अर्थ शब्दकोश के अनुसार है- बदमाश, शोहदा, कमीना, दुराचारी है पर आम बोलचाल में लुच्चे का अर्थ लिया जाता है- गंदी और अश्लील बातें या इशारे करने वाला। राजस्थानी भाषा में तो अक्सर अश्लील बातें करने वाले के बारे में कहा जाता है- यह बहुत लुच्ची-लुच्ची बातें करता है...। जबकि यह दोनों ही अर्थ ग़लत हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार लुच्चा शब्द संस्कृत के लोचन शब्द से बना है। यानी लोचन से काम लेने वाला, औरतों को देखने या घूरने वाला हो गया लुच्चा। अंग्रेजी में इस हरकत को स्टेअर (Stare) कहते हैं लेकिन लुच्चे के संदर्भ में सही शब्द है ओगॅल (Ogle)। असल में यह तुर्की भाषा के शब्द लुच से बना है जिसका अर्थ है- नंगा, लम्पट और भैंगा। हिन्दूस्तान में आकर लोचन और भैंगा पास-पास हो गए तो नया शब्द बना लुचपना और लुचपना करने वाला लुच्चा।
इसके साथ ही 'बदमाशी' करने वाले बच्चों को शैतान भी कहते हैं। देखा जाता है कि अक्सर मां-बाप अपने साल-छह महीने के बच्चों की शरारतों से तंग आकर शिकायत करते हैं- 'आजकल यह बहुत शैतान हो गया है...' इस्लाम के अनुसार शैतान एक फरिश्ता ही था जिसने अल्लाह की आज्ञा का उल्लंघन किया, इस वजह से उसका बहिष्कार किया गया, तब से वह लोगों को पाप करने की ओर प्रवृत्त करता है। यानी सभी बुरे काम और पाप करवाना शैतान का काम है, जिसके लिए शब्द है कार-ए-शैतानी जो बाद में बिगड़कर कारस्तानी बन गया। सार यह कि भगवान के समकक्ष ताकत रखने वाली कोई दूसरी शक्ति जो इंसान से भगवान की इच्छा के विरुद्ध पाप करवाती है। इसके बाद भी क्या बच्चे शैतान हैं? क्या उनकी मासूम सी जिद्द और नादानियां शैतानी हैं?
अब इसी रौशनी में कारस्तानी को भी ही देख लें। उर्दू का शब्दकोश तो इसे शामिल ही नहीं करता पर हिन्दी में इसका अर्थ है, साजिश या चालबाजी। जोकि सही नहीं है क्योंकि कार-ए-शैतानी को एकसाथ करने से कारस्तानी बन ही नहीं सकता और अर्थ के लिहाज से भी यह मूल अर्थ से कोसों दूर है।
बदमाश का एक और रिस्तेदार शब्द है- लुच्चा। यथा लुच्चा-बदमाश। अर्थ के लिहाज से इन दोनों शब्दों का कोई मेल नहीं है, क्योंकि लुच्चे का अर्थ शब्दकोश के अनुसार है- बदमाश, शोहदा, कमीना, दुराचारी है पर आम बोलचाल में लुच्चे का अर्थ लिया जाता है- गंदी और अश्लील बातें या इशारे करने वाला। राजस्थानी भाषा में तो अक्सर अश्लील बातें करने वाले के बारे में कहा जाता है- यह बहुत लुच्ची-लुच्ची बातें करता है...। जबकि यह दोनों ही अर्थ ग़लत हैं। एक अन्य मान्यता के अनुसार लुच्चा शब्द संस्कृत के लोचन शब्द से बना है। यानी लोचन से काम लेने वाला, औरतों को देखने या घूरने वाला हो गया लुच्चा। अंग्रेजी में इस हरकत को स्टेअर (Stare) कहते हैं लेकिन लुच्चे के संदर्भ में सही शब्द है ओगॅल (Ogle)। असल में यह तुर्की भाषा के शब्द लुच से बना है जिसका अर्थ है- नंगा, लम्पट और भैंगा। हिन्दूस्तान में आकर लोचन और भैंगा पास-पास हो गए तो नया शब्द बना लुचपना और लुचपना करने वाला लुच्चा।